बड़ी खबर: अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का रास्ता साफ़?

अयोध्या विवाद को लेकर अभी अभी एक बड़ी खबर आ रही है, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड (Sunni Waqf Board) ने इस केस से अपना नाम वापस लेने और अयोध्या ज़मीन विवाद (Ayodhya land dispute) में 2.77 एकड़ (2.77 Acres) ज़मीन से अपना दावा छोड़ने की बात की है। आपको बता दें की सुप्रीम कोर्ट में इस केस से जुडी सुनवाई का आज आखिरी दिन है।

अयोध्या में लगाई गयी धारा 144, जानिए क्या है वजह ?

इस केस में एक सनसनीखेज मोड़ तब आया जब सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने विवादित जमीन पे अपना दावा छोड़ने की बात की। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के इस कदम के पीछे का कारण मध्यस्थता प्रक्रिया (Mediation Process) के दौरान कुछ पक्षों के बीच बनी सहमति को बताया जा रहा।
बताया जा रहा है की मध्यस्थों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी जिसमे कुछ पक्षों के बीच में सहमति बनी है ऐसा कोर्ट को सूचित किया जायेगा। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने 19 सितम्बर (19 September) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के उस आदेश का स्वागत किया था जिसमे मध्यस्थता पैनल द्वारा बातचीत दुबारा शुरू करने को कहा गया था। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने एक प्रेस ब्रीफ (Press Brief) जारी कर के कहा के आपसी सौहार्द्रपूर्ण समझौता दोनों समुदायों के लिए फायदेमंद होगा ।

देखें प्रधानमंत्री मोदी का नया अवतार

इससे पहले आज केस की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस (मुख्य न्यायाधीश) रंजन गोगोई (Chief Justice Of India- Ranjan Gogoi) ने कहा की 70 साल पुराने ऐतिहासिक अयोध्या विवाद की सुनवाई आज शाम 5 बजे तक ख़त्म हो जाएगी।

सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के इस कदम के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता शायद साफ़ हो गया है, अनुमान यह भी लगाया जा रहा है की सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी शायद राम मंदिर के पक्ष में जाये। राम भक्तों और हिन्दुओं के लिए यह एक खुशखबरी से काम नहीं है। आपको याद होगा के कुछ ही दिन पहले अयोध्या में 10 दिसंबर तक के लिए धारा 144 (Section 144) लगा दी गयी है ताकि कानून व्यवस्था को लेकर कोई परेशानी उत्पन्न न हो।

मोदी – जिनपिंग (Modi-Jinping ) की खास मुलाकात, क्या आतंक पर होगा प्रहार ?

आपको बता दें रामजन्मभूमि – बाबरी मस्जिद विवाद (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Dispute), जिसे अयोध्या विवाद या अयोध्या जमीन विवाद (Ayodhya Land Dispute) के नाम से भी जाना जाता है, काफी पुराना और संवेदनशील मामला है और इसका निर्णायक दौर में पहुंचना सारे पक्षों के लिए एक सुखद समाचार हो सकता है।

Income Tax Department ने जारी किये करोड़पति करदाताओं (millionaire taxpayers) के आंकड़े !!