इसरो चेयरमैन ने ट्वीट कर के बताया की विक्रम लैंडर की लोकेशन का पता चल गया, चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की तस्वीर भेजी। हालाँकि, अभी तक विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हो पाया है। इसरो, विक्रम लैंडर के साथ संचार बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है और ऐसी उम्मीद की जा रही है की जल्द ही लैंडर के साथ इसरो का संपर्क स्थापित हो जायेगा।
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan to ANI:We've found the location of #VikramLander on lunar surface&orbiter has clicked a thermal image of Lander. But there is no communication yet. We are trying to have contact. It will be communicated soon. #Chandrayaan2 pic.twitter.com/1MbIL0VQCo
— ANI (@ANI) September 8, 2019
इसरो चेयरमैन K.सिवान(K. Sivan) ने अपने ट्वीट में लिखा कि हमने चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर देखा और मुझे यकीन है कि हम जल्द ही विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित कर सफलतापूर्वक अपना चंद्रयान 2 मिशन पूरा करेंगे।
जैसा की आप जानते है की 7 सितम्बर को चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर का संपर्क चन्द्रमा की सतह से केवल 2.1 km की दूरी पर इसरो के बेस स्टेशन से लैंडिंग के दौरान टूट गया था। पर चंद्रयान 2 मिशन में ऑर्बिटर को सफलता पूर्वक चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित कर लिया गया था। ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की थर्मल इमेज खींच कर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को भेजी। जिससे बैज्ञानिको और भारतीयों के अंदर एक नयी उम्मीद कि किरण जगी है।
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आप को बता दे कि ऑर्बिटर को 7 सितम्बर को चन्द्रमा कि कक्षा में सफलता पूर्वक स्थापित कर दिया गया था। ऑर्बिटर में हाई रेजोलुशन के कैमरे लगे है जो के भारत में ही बनाये गए है। ऑर्बिटर का उपयोग चन्द्रमा कि सतह कि इमेज खींचने के अलावा विक्रम लैंडर और इसरो के बीच संचार स्थापित करना भी है। ऑर्बिटर का कार्यकाल एक वर्ष है और इसे 100X100 किमी दूरी पर चन्द्रमा कि ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया है।
आप को ये भी बता दे कि चन्द्रमा पर बिताया एक दिन पृथबी पर 14 दिनों के बराबर होता है।
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