Ease of Doing Business : भारत की रैंकिंग सुधारने के लिए 6 पैमाने पर कार्य शुरू, कोलकाता और बेंगलुरू पर ज्यादा फोकस कर रहा है डीपीआईआईटी
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने वर्ल्ड बैंक की ईज-ऑफ डूइंग रैंकिंग में भारत की स्थिति और सुधारने के लिए रूपरेखा तैयार की है। एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) छह मानकों पर विशेष ध्यान दे रहा है। इसमें अनुबंध के प्रवर्तन और कारोबार को शुरू करने जैसे मानक शामिल हैं।
डीपीआईआईटी का ध्यान कोलकाता और बेंगलुरू में सुधार गतिविधियों पर है, क्योंकि वर्ल्ड बैंक ने इस साल से दिल्ली और मुंबई के अलावा इन दोनों शहरों के आधार पर कारोबार सुगमता रिपोर्ट तैयार करने का फैसला किया है। अधिकारी ने कहा कि कोलकाता और बेंगलुरू को इसमें शामिल करने से भारत में कारोबारी माहौल की एक सार्वभौमिक तस्वीर उपलब्ध हो सकेगी।
इस रैंकिंग में भारत अभी 14 स्थान की छलांग के साथ 63वें स्थान पर
जिन छह मानकों पर ध्यान है, उनमें अनुबंध का प्रवर्तन (भारत 163वें स्थान पर), दिवाला निपटान (52वें); कारोबार शुरू करना .. (136वां), पंजीकरण (154), कर का भुगतान (115) और सीमापार व्यापार (68) शामिल है। इस रैंकिंग 2020 में भारत 63वें स्थान पर है।
शीर्ष 50 देशों में शामिल होने के लिए हो रहा 6 पैमानों पर सुधार
अधिकारी ने कहा कि संपत्ति पंजीकरण के मामले में चारों शहरों द्वारा जमीन के टाइटल कानून पर ध्यान दिया जा रहा है। कारोबार शुरू करने के मानक के तहत कंपनी के पंजीकरण के साथ ईएसआईसी, ईपीएफओ, जीएसटी, पेशेवर कर के
एकीकृत पंजीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है।
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