मंगलवार को श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि 6 करोड़ से अधिक ईपीएफओ खातों को जमा पर त्यौहारी सीजन से पहले 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगी। आपको बता दें कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने पिछले वित्त वर्ष के लिए इस साल फरवरी में 8.65 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी थी। इसके बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया था।
संतोष गंगवार ने यहां एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से कहा, फेस्टिवल सीजन से पहले, ईपीएफओ के 6 करोड़ से अधिक सदस्यों को 2018-19 के लिए जमा अंशदान पर 8.65 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। तो वहीं 2017-18 के लिए ब्याज दर 8.55 प्रतिशत थी।
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बता दें कि प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेजा गया था। वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद, EPFO ग्राहक खातों में 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि का क्रेडिट करेगा और इस दर पर दावों का निपटान करेगा।
तो वहीं ईपीएफ ब्याज दर को सूचित करने में देरी पर, मंत्री ने कहा, वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) इन दिनों व्यस्त हैं। उनके पास फाइल (2018-19 के लिए ईपीएफ ब्याज दर के लिए प्रस्ताव) है। वह इस पर असहमत नहीं हैं। 8.65 हमारे द्वारा अनुमोदित ब्याज की प्रतिशत दर 2018-19 के लिए ईपीएफओ ग्राहकों को प्रदान की जाएगी। यह कुछ दिनों में किया जाना चाहिए।
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भविष्य निधि खाताधारकों के खाते में ब्याज का पैसा जमा करने के लिए श्रम मंत्रालय की अधिसूचना की जरूरत होती है। मंत्रालय ब्याज दर को लेकर अधिसूचना जारी करता है। इसके बाद ही भविष्यनिधि के 6 करोड़ से ज्यादा अंशधारकों को इसका फायदा होगा।
साथ ही बेरोजगारी के मुद्दे पर, उन्होंने कहा, “उन सभी प्रतिष्ठानों में श्रमिकों की संख्या में 2 करोड़ की वृद्धि हुई है जहां पिछले तीन वर्षों में 20 या अधिक श्रमिक काम करते हैं। उनकी संख्या अब छह करोड़ से बढ़कर आठ करोड़ हो गई है। हम भी देश में 40 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए काम कर रहे हैं।
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