राफेल के बाद भारत आएगा यह अचूक शिकारी, राफेल की तरह ही अचूक निशाना है इसका। यह फाइटर जेट केवल भारत के पास ही होगा। इसे किसी अन्य देश को नहीं बेचा जाएगा। भारत के साथ ये डील होने के बाद इस बात पर हस्ताक्षर किए जाएंगे ये फाइटर जेट और इसकी टेक्नोलॉजी किसी भी अन्य देश को नहीं बेची जाएगी। इस फाइटर जेट के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी। आपको हम बताएंगे कि इस फाइटर जेट में क्या ऐसी टेक्नोलॉजी हैं जिसकी वजह से यह भारतीय वायुसेना को अजय बनाती है।
जैसा की आप जानते है की राफेल की पहली खेप इसी मंथ भारत आने वाली है लेकिन अब राफेल के ठीक बाद एक और अति अत्याधुनिक बिमान (फाइटर जेट ) भारत में एंट्री करने के लिए बेताब है। यह फाइटर जेट दुनिया में केबल और केबल भारत के पास ही होगा। ये लड़ाका है अमेरिका का बेहद घातक F21 फाइटर जेट। अमेरिकी वायुसेना के लिए लाइफ लाइन माने जाने वाली लॉकहिड मार्टिन (Lockheed Martin) कंपनी ने कहा की वह अति अत्याधुनिक F21 फाइटर जेट केबल भारत को बेचने के लिए तैयार है यदि भारतीय वायुसेना F21 फाइटर जेट खरीदने के लिए तैयार हो जाती है तो वह इस फाइटर जेट को किसी भी अन्य देश को नहीं बेचेगा। Lockheed Martin कंपनी का ये भी मानना है की राफेल, तेजस और F21 फाइटर जेट की तिकड़ी भारीतय वायुसेना को अजय बना देगी।
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दुनिया की सबसे बड़ी ऐरोनॉटिक्स कंपनी Lockheed मार्टिन के वॉइस प्रेसीडेंट Dr. विवेक लाल ने ये जानकारी दी है
की भारतीय वायुसेना 114 नए लड़ाकू बिमान खरीदने जा रहा है। इन 114 नए लड़ाकू बिमानो के खरीद की दौड़ में F21 फाइटर जेट भी शामिल है। भारतीय वायुसेना के द्वारा लड़ाकू बिमान की खरीद प्रक्रिया शुरू करने के लिए जारी की गई RFI में F21 ने भी अपना प्रस्ताव दिया है। Dr विवेक लाल ने कहा की जहा तक भारतीय वायुसेना के लिए F21 फाइटर जेट की आपूर्ति का सवाल है तो बता दे की 18, F21 फाइटर जेट, भारतीय वायुसेना की शर्तो अनुसार बदलाव किये जाने के बाद पूरी तरह से तैयार आएंगे बाकी बिमान हम (TATA Group) टाटा ग्रुप के साथ मिलकर भारत में ही बनायेगे।
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F21 फाइटर जेट की खासियत
F21 फाइटर जेट सिंगल इंजन की श्रेणी में सबसे घातक और अति अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है। सिंगल इंजन की वजह से ये हल्का है जिसकी वजह से यह 40 प्रतिसत ज्यादा हतियार ले कर उड़ान भरने की छमता रखता है। F21 फाइटर जेट आधुनिकता में AESA रेडार के साथ भारत की सुरक्षा जरूरतों के अनुकूल विशेष इलेक्ट्रॉनिक्स वारफेयर से भी लैस होगा। इसका दोहरा fueling मैकेनिज्म और नए तरीके का कॉकपिट इसे भारतीय वायुसेना के लिए खास बनाएगा। सिंगल इंजन बिमान होने से ये डबल इंजन बिमानो की तुलना में 30 से 40 फीसदी सस्ता होगा ऐसे में जब 114 नए बिमान खरीदे जाने है तब इस लिहाज से ये बचत भी बहुत बड़ी होगी। लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने F16 लड़ाकू बिमान पकिस्तान को भी बेचा है ऐसे में भारत कैसे भरोसा करे की F21 की तकनीक कंपनी दुश्मन देशो के साथ साझा नहीं करेगा। इस बात पर डा. विवेक लाल ने कहा की F श्रेणी के फाइटर जेट किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी है। जैसा की आप जानते है की अमेरिकी वायुसेना के लिए F16 रीढ़ की हड्डी की तरह है। डा. लाल ने कहा की यदि भारत के साथ F21 सुपरियर फाइटर जेट की डील हो जाती है तो हम इस सुपीरियर फाइटर जेट की टेक्नोलॉजी किसी भी देश के साथ शेयर नहीं करेंगे।
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डा. विवेक लाल ने बताया की F21 भारत के मेक इन इंडिया के मानकों पर भी खरा उतरेगा क्योकि हम पहले से ही TATA ग्रुप के साथ मिलकर काम कर रहे है। राफेल से तुलना में डा. लाल ने कहा की राफेल डबल इंजन जेट है जो की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैश है वही F21 सिंगल इंजन फाइटर जेट है जो राफेल से हल्का और ज्यादा हथियार लेकर उड़ने की छमता रखता है।