Jeff Bezos surprise visit to India: दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस(Jeff Bezos) ने इस हफ्ते 15 जनवरी 2020 को भारतीयों को हैरान कर दिया जब उन्हें दिल्ली में आयोजित एक अमेज़ॅन इवेंट में देखा गया। इस इवेंट में उन्होंने कहा कि कंपनी अगले पांच वर्षों में भारत में $1 बिलियन का निवेश करेगी। इस इन्वेस्टमेंट में लाखों छोटे और midsize स्थानीय व्यवसाय ऑनलाइन प्लेटफार्म में शामिल करने का प्रयास करेंगे।
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बेजोस का दौरा शुरू से ही सही तरीके से आर्गनाइज्ड नहीं था। अमेज़ॅन इवेंट में बेज़ोस के आने में देरी हुई। जिसके चलते भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने स्पीच दी पर उनकी स्पीच को 20 मिनट से 5 मिनट कर दिया गया। मूर्ति ने अंततः अपनी टिप्पणी में कहा की “मुझे इस तरह की देरी की आदत नहीं है”।
अमेज़ॉन के इस इवेंट में केंद्र सरकार भी नदारद दिखी। बेजोस की यात्रा के दौरान मीटिंग में भारतीय मंत्री और भारत के शीर्ष सरकारी अधिकारी शामिल नहीं हुए। ये मंत्री और सरकारी अधिकारी दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी जुटे है।
आप को बता दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही अमेज़न संस्थापक से मिलने से इनकार कर दिया था। सोमवार को, भारत के प्रतिनायक नियामक(India’s antitrust regulator) ने अमेज़ॅन और उसके प्रतिद्वंद्वी फ्लिपकार्ट के खिलाफ औपचारिक जांच शुरू की है क्योकि स्थानीय खुदरा विक्रेता अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट से खुस नहीं है ओर काफी दिनों से अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ अपना बिरोध जाता रहे है। बेजोस की भारत यात्रा के विरोध में ब्यापारियों ने “अमेज़न वापस जाओ” और “अमेज़ॅन-फ्लिपकार्ट” जैसे नारे लगाकर अपना बिरोध जताया। ब्यपरियो का कहना है की, अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट ईस्ट इंडिया कंपनी के दूसरे संस्करण जैसा है।
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सरकार की अमेज़ॉन इवेंट में न शामिल होने का कारण बेजोस की वाशिंगटन पोस्ट भी हो सकती है। बेजोस ने अपने पोस्ट में जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जा देने के साथ-साथ भारत के नए नागरिकता कानून (CAA) के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की थी। या फिर ऐसा करने की ये भी वजह हो सकती है की प्रशासन दिल्ली के छोटे व्यापारियों को भी परेशान नहीं करना चाहता।
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भारतीय व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने इस हफ्ते एक सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि यदि हो सकता है वो एक बिलियन डॉलर इन्वेस्ट करे लेकिन फिर अगर वे हर साल एक बिलियन डॉलर का नुकसान करते हैं, तो उन्हें अच्छी तरह से उस बिलियन डॉलर का वित्त करना पड़ता है। इसलिए ऐसा नहीं है कि जब वे एक अरब डॉलर का निवेश करते हैं तो वे भारत के लिए एक बड़ा उपकार कर रहे हैं।
आप को बता दे की कुल मिलाकर अमेज़ॉन फाउंडर की ये अचानक भारत विजिट कोई खास नहीं रही।
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