अपनी गलत करतूतों से बाज़ न आने वाला पाकिस्तान एक बार फिर से बेनकाब हो गया है और उसे चौतरफा शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। हुआ यूँ की APG (The एशिया पैसिफिक ग्रुप ), जो की FATF (फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स ) का क्षेत्रीय सहायक है और हवाला (या मनी लॉन्डरिंग ) के खिलाफ काम करता है, ने अपनी रिपोर्ट जिसका शीर्षक है “म्युचअल इवैल्यूएशन ऑफ़ पाकिस्तान” में ये कहा है की “इस्लामाबाद (पाकिस्तान) ने आतंकियों की वित्तीय सहायता (टेरर फाइनेंसिंग ) को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये” ।
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रिपोर्ट में कहा गया है की पाकिस्तान ने UNSCR 1267 के दायित्वों का निर्वहन करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये और इस प्रयास में असफल रहा है । UNSCR 1267 के दायित्वों के हिसाब से पाकिस्तान को आतंकियों और आतंकी संगठन जैसे की लश्कर-ऐ-तैयबा (LeT), जमात-उद-दवा (JuD), फलाह-इ-इंसानियत (FIF) और इसके नेता हफ़ीज़ सईद के खिलाफ सख्त कदम उठाने थे और उनपे वित्तीय प्रतिबन्ध लगाने थे, जिसमे वह असफल रहा ।
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इस रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान के FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने के आसार और बढ़ गए हैं, ज्ञातव्य हो की पाकिस्तान अभी FATF की ग्रे (grey) लिस्ट में है और अभी निगरानी में है (उसकी गतिविधियों पे नज़र रखी जा रही है ).
यह रिपोर्ट पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है जो की कई देशो और विश्व बैंक से वित्तीय सहायता की उम्मीद लगाए बैठा है। अगर पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में जाता है तो उसकी वित्तीय सहायता मिलने की उम्मीदों को बड़ा झटका लग सकता है क्योकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक बुरे दौर से गुजर रही है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान वह की अर्थव्यवस्था सुधरने में नाकामयाब रहे हैं।
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ये अनुमान लगाया जा रहा है की FATF की अगली मीटिंग (जो की इसी महीने यानि अक्टूबर की 13 और 18 के बीच में पेरिस में होगी) में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल सकती है।