पीपीएफ के नए नियम (PPF New Rules): भारत सरकार ने पिछले साल लघु बचत योजना (small savings scheme) यानि पीपीएफ(PPF) या पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) से संबंधित कुछ नियमों में संशोधन किया था। सरकार ने मौजूदा पीपीएफ स्कीम 1968 को PPF Scheme 2019 से बदल दिया है जो कि अब तक के मौजूदा नियमों की तुलना में 5 बदलाव को दर्शाते हैं।
पीपीएफ के 5 नए बदले हुए नियम कुछ इस प्रकार है (5 New Changed Rules Of PPF)
1) पीपीएफ मैच्योरिटी को बढ़ाया जा सकता है (PPF Maturity Can Be Extended)
मूल पीपीएफ खाते (original PPF account) की मैच्योरिटी की तारीख से एक साल के भीतर पीपीएफ खाते (डिपॉजिट के लिए) का विस्तार (extend) किया जा सकता है। इसके लिए आप को फॉर्म 4 के जरिए आवेदन करना होगा। पहले पीपीएफ अकाउंट के विस्तार के लिए निवेशक (investor) को फॉर्म H जमा करना होता था।
इसी तरह, मैच्योरिटी के बाद पीपीएफ खातों को आगे बगैर जमा किए जारी रखा जा सकता है। शेष राशि समय-समय पर सरकार द्वारा अधिसूचित (notified) ब्याज मिलता रहेगा। यदि पीपीएफ खाते को बिना जमा (without deposit) के जारी रखा जाता है, तो खाताधारक हर वित्तीय वर्ष में एक बार इससे पैसे निकाल सकता है।
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2) एक साल में कई बार जमा कर सकते है पीपीएफ खाते में (In A Year Multiple Deposit Can Be Done In PPF Account )
पीपीएफ नियमो में बदलाव के पहले खाताधारक एक साल में केबल 12 बार ही जमा कर सकते थे लेकिन अब नए नयम के आने के बाद खाताधारक एक साल में 50 रुपये के मल्टिपल में कई बार जमा (deposit) कर सकता है। आप को बता दे की खाताधारक एक साल में कुल 1.5 लाख रुपये ही जमा कर सकता है।
3) प्रीमैच्योर पीपीएफ खाते को भी बंद किया जा सकेगा (Premature PPF Account Can Be Closed Prematurely)
नए पीपीएफ नियम के तहत पता बदलने की स्थित में पीपीएफ अकाउंट मैच्योरिटी के पहले भी बंद किया जा सकता है। इसके लिए आप को पासपोर्ट, वीजा की कॉपी या इनकम टैक्स रिटर्न का डीटेल देना होगा।
नियमो में बदलाव के पहले कुछ खास वजहों पर ही खाता बंद करने का प्रावधना था। जैसे की अकाउंट खोलने के 5 साल के बाद हायर एजुकेशन पर खर्च या मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए पैसे की जरूरत पड़ने पर इसे मैच्योरिटी से पहले बंद किया जा सकता था।
4) पीपीएफ ऋण पर ब्याज दर घटी (PPF Loan Interest Rate has been reduced)
पीपीएफ खाताधारक खाता खोलने के तीसरे से छठे वित्तीय वर्ष के बीच ऋण (Loan) के लिए आवेदन कर सकता है। भारत सरकार ने PPF तहत लिए गए लोन पर लगने वाली ब्याज दर को 2% से घटाकर 1% कर दिया है। पहले लोन पर 2% का ब्याज देना पड़ता था।
5) पीपीएफ ऋण भुगतान (PPF Loan Payment)
पीपीएफ खाताधारक को 36 महीने से अंदर लोन चुकाना होता है। यदि लोन को ३६ महीने के अंदर नहीं चूका पाते है तो बचे हुए लोन राशि पर 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज लगेगा।
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