हाल ही में महाराष्ट्र और झारखंड़ में इलेक्शन होने के बाद रिजल्ट घोषित हुए| जिसमे NDA ने महाराष्ट्र में भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की वही कॉंग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी ख़राब रहा| झारखण्ड में NDA जीत नहीं पाई पर कॉंग्रेस पार्टी का भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं था| इसके बाद ही कई लोगो और कुछ नेताओ ने EVM पर सवाल खड़े कर दिए. भारत में जब भी इलेक्शन कॉंग्रेस हारती है EVM का रोना रोती है|
एलन मस्क(Elon Musk) का EVM पर बयान
हाल ही में एलन मस्क ने भी एक स्टेटमेंट दिया कि EVM हैक हो सकता है |
एलन मस्क(Elon Musk): हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को समाप्त कर देना चाहिए। इंसानों या एआई(AI) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, भले ही छोटा हो, फिर भी बहुत अधिक है। एलन मस्क(Elon Musk) के इसी एस्टटेमेंट को कोट कर के लोग अब एवं पर सवाल कर रहे है.
EVM कैसे काम करती है (How EVM works)?
EVM एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो मतदान प्रक्रिया को सरल और तेज बनाती है। इसमें दो यूनिट होती हैं:
- बैलट यूनिट (Ballot Unit): यह वह यूनिट है जहां वोटर अपनी पसंद के उम्मीदवार के सामने दिए गए बटन को दबाकर वोट डालता है।
- कंट्रोल यूनिट (Control Unit): यह यूनिट चुनाव अधिकारी के पास रहती है और वोटिंग प्रक्रिया को नियंत्रित करती है।
जब वोटर बटन दबाता है, तो वोट कंट्रोल यूनिट में दर्ज हो जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन होती है, यानी EVM इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होती, जिससे हैकिंग का खतरा कम हो जाता है।
PSU Engineer ने EVM के बारे में क्या कहा?
Shaurya Mishra ने ट्विटर पर लिखा, आइए मैं आपको EVM के बारे में बताता हूं क्योंकि मैं भारत इलेक्ट्रॉनिक PSU का Engineer हूं लगभग मुझे भारत के विभिन्न राज्यों में evm Engineer इलेक्शन ड्यूटी करते 3 साल से ज्यादा हो गए हैं |
EVM में कोई भी वायरलेस डिवाइस जैसे- bluetooth बगैरह नहीं होती है ये पूर्णतः wired कनेक्शन पर काम करती है | हम लोग पोस्टिंग के according constituency में पहुंचते हैं और EVM को चेक करते हैं, हम लोग Returning ऑफिसर से पार्टी के symbol लेकर उसको कंप्युटर मे सॉफ्टवेयर की हेल्प से create करते हैं उसके बाद उसको symbol loading zig में डालते हैंऔर symbol के sequence को Returning ऑफिसर से 2 बार verify करवाते हैं |
EVM का वितरण और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका
फिर सारे teachers और जितने govt. Employee की duty लगती है सबको सीरिअल number से evm दी जाती हैऔर सारे employee VVPAT लेकर Number by number हमारे पास लाते हैं और हम VVPAT में symbol loading zig से symbol लोड करते हैं | फिर सब काम फिनिश होने के बाद, सारे (हर पार्टी +निर्दलीय) चुनाव लड़ने वाले candidate को बुलाया जाता है और वो हर EVM में 1296 VOTE डालकर चेक करते हैं कि कहीं वोट कॉंग्रेस को देने pr BJP को तो नहीं जा रहा |
EVM और CU की जांच और परीक्षण प्रक्रिया
चुनावी प्रक्रिया में EVM और CU (कंट्रोल यूनिट) का पूरी तरह परीक्षण किया जाता है, जिसके बाद वोट डेटा क्लियर कर मशीनें सुरक्षित रूप से कंट्रोल रूम में रखी जाती हैं। यह प्रक्रिया इतनी पारदर्शी और सुरक्षित है कि इसे हैक करना लगभग असंभव है। इसके बावजूद कुछ लोग EVM को दोष देते हैं। सुझाव है कि आलोचना करने के बजाय चुनावी रणनीतियों पर ध्यान दिया जाए, क्योंकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई EVM को हैक कर दिखाए, तो इसे बंद कर दिया जाएगा।
PSU Engineer: मैं दावे के साथ कह सकता हूं एलान मस्क इस प्रक्रिया के बारे में बिलकुल नहीं जानता होगा |
बैलेट पेपर से इलेक्शन कराने की मांग
कई पार्टी के नेताओ ने EVM पर सबाल खड़े करते हुए बैलेट पेपर से इलेक्शन कराये जाने की मांग करते रहे है, पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए की पेपर बैलेट से चुनाव कराने के कई नुक्सान भी है, जैसे बूथ कैप्चरिंग