बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। जिसमें से एक फैसले के तहत सरकार ने कश्मीर से विस्थापित होकर भारत के कई राज्यों में आ बसे 5,300 कश्मीरी परिवारों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि अब इन परिवारों को केंद्र की ओर से 5.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि ये कश्मीर में बस सकें। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पीओके के विस्थापितों के लिए मुआवजे का ऐलान करते हुए कहा कि इससे ऐतिहासिक भूल सुधार का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है।’
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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीओके से विस्थापित हुआ 5300 परिवार जो देश के दूसरे हिस्सों में बस गए और फिर जम्मू-कश्मीर में ही लौट आए उन्हें 5.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह विस्थापित हुए परिवारों के साथ हुई ऐतिहासिक गलती सुधारने के तौर पर लिया गया कदम है।
सरकारी नौकरी वालों को छोड़कर वर्तमान में हर कश्मीरी परिवार को 13 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। जो पहले सिर्फ 6600 रुपये था। जिसे मोदी सरकार ने मई 2015 में बढ़ाकर 10 हजार किया था। सरकार ने महंगाई आदि को देखते हुए जून 2018 में तीन हजार रुपये का और इजाफा कर दिया था।
तो वहीं कश्मीरी पंडितों की सहायता राशि चार साल में दो बार बढ़ाई गई। अब इसी सरकार से उम्मीद है कि कोई रोडवेज तैयार कर कश्मीरी पंडितों की घर वापसी भी करवाएगी।
जानकारी हो कि मोदी सरकार ने 7 नवंबर 2015 को 1,080 करोड़ रुपये की लागत से कश्मीरी प्रवासियों के लिए राज्य सरकार की 3,000 अतिरिक्त नौकरियां सृजित करने और 920 करोड़ रुपये की लागत से कश्मीर घाटी में 6,000
ट्रांजिट आवासों के निर्माण का अनुमोदन प्रदान किया था।