Assam NRC Final Result 2019: असम NRC 2019 लिस्ट जारी कर दी है। इसे एनआरसी nrcassam.nic.in पर क्लिक करके देखा सकता है। स्टेट ऑफ़ कोऑर्डिनेटर ने बताया कि कुल 3,11,21,004 (कुल तीन करोड़ 11 लाख 21 हजार चार) लोगों के नाम एनआरसी सूची में शामिल हैं। वहीं 19,06,657 (19 लाख 6 हजार 657) लोगों के नाम अंतिम सूची में में शामिल नहीं हैं। असम में एनआरसी सूची का काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुआ है। राज्य सरकार ने जिन लोगो का नाम सूची में शामिल नहीं है उन लोगों को भयभीत न होने को कहा है और हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है।कई संवेदनशील जगहों में धारा 144 लागू की गई है और राज्य में सुरक्षाबलों की 218 कंपनियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
असम राज्य सरकार पहले ही बता चुकी है कि जिन लोगों का नाम एनआरसी सूची में शामिल नहीं किया गया उन्हें किसी भी स्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक एफटी उन्हें विदेशी ना घोषित कर दे। बयान में यह भी कहा गया कि सुबह 10 बजे अंतिम सूची जारी की गई है। जिन लोगो का नाम सूची में शामिल किए गए है उन लोगों की पूरक सूची एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और क्षेत्राधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध है, जिसे लोग सरकारी कामकाज के दौरान देख सकते हैं।
आप को बता दे, जिनका नाम एनआरसी लिस्ट में नहीं है उनको डरने को कोई जरुरत नै है उनको लिए सरकार राज्य में 400 विदेशी न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनलों) की स्थापना करेगी। जहा पर लोग अपनी अपील दायर कर सकते है। जिन लोगो का नाम सूची में नहीं है वो इस साल 31 दिसंबर तक अपील दायर कर सकते हैं। आप को ये भी बता दें कि असम सरकार ने 30 जून 2018 को एनआरसी का दूसरा मसौदा प्रकाशित किया था। इस दौरान 41 लाख लोगों को लिस्ट से बाहर रखा गया था। फाइनल लिस्ट में यह आंकड़ा घटकर 19 लाख तक आ गया।
एनआरसी कि फाइनल सूची जारी किए जाने की सूचना मिलने के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग कार्यालयों के बाहर जमा होना शुरू हो गए। जिन लोगों का नाम सूची में था, वो बहुत खुस दिखे बही जिन लोगो का नाम सूची में नहीं था, वे बहुत दुखी थे।
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विपक्षी दल कांग्रेस और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन ने कहा है कि वह इस अंतिम नागरिकता सूची से असंतुष्ट हैं।
एनआरसी की ऑफिसियल वेबसाइट, एनआरसी कि फाइनल लिस्ट लिस्ट जारी होने के कुछ देर बाद ही ज्यादा ट्रैफिक लोड की वजह से क्रैश हो गई।
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पिछले साल जुलाई में एनआरसी ने एक सूची जारी कि थी जिसमे 3,29,91,384 करोड़ लोगों में से 40,07,707 लोगों को सूची से बाहर रखा गया था। इसके बाद जून में 1,02,462 लोगों को बाहर कर दिया गया था। असम काफी समय से ही बांग्लादेश से अवैध घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा है। असम अकेला राज्य है जहां पहली बार 1951 में राष्ट्रीय नागरिक सूची तैयार किया गया था।
असम कांग्रेस के सासंद अब्दुल खलीका ने एनआरसी सूची के जारी होने पर कहा, ‘मैं एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर और उच्चतम न्यायालय को अंतिम सूची जारी करने पर बधाई देता हूं। हालांकि मैं इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि इस सूची में बहुत से असली भारतीय नागरिको को बाहर रखा गया है।
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