भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) के चेयरमैन के शिवान ने कहा कि भारत अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में एडवांस्ड कार्टोग्राफी उपग्रह कार्टोसैट-3 को लॉन्च करेगा। चंद्रयान 2 की सफलता के बाद ये इसरो का अगला लॉन्च कार्यक्रम है। जैसा की आप जानते है की चंद्रयान 2 के लैंडर की चन्द्रमा की सतह पर इसरो सॉफ्ट लैंडिंग कराने में असफल रहे, पर चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर पूरी तरह से काम कर रहा है और उसका कार्यकाल लगभग 7 से 8 सालो का होगा।
क्या है कार्टोसैट-3
कार्टोसैट-3 इसरो का एक एडवांस्ड रिमोट सेंसिंग उपग्रह है, जिसका उद्देश्य आईआरएस श्रृंखला को बदलना है। इसमें हाई गुणवत्ता वाले रिज़ॉल्यूशन के साथ 0.25 मीटर और 1 मीटर के एमएक्स का एक पंचरोमेटिक रिज़ॉल्यूशन होगा जो कार्टोसैट श्रृंखला में पिछले पेलोड से एक बड़ा सुधार है। कार्टोसैट-3 का उपयोग मौसम मानचित्रण (weather mapping), कार्टोग्राफी(cartography) या सेना (army defense) और रणनीतिक (strategic) में किया जायेगा।
कार्टोसैट-3 बहुत अधिक सक्षम उपग्रह है, जिसका रिज़ॉल्यूशन 25 सेमी (10 “) है। कार्टोसैट-3 में कार्टोसैट-2 की तुलना में 60% वजन हटाने के साथ 1.2 मीटर प्रकाशिकी(optics ) का उपयोग किया गया है। कार्टोसैट-3 एक एडवांस्ड सेटेलाइट है, जिसमे लाइट बजन वाले मिरर, हाई रेजोलुशन कैमरा, और एडवांस्ड वेदर सेंसर लगे है।
इसरो ने चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर द्वारा खींची गई चंद्रमा की पहले हाई रिज़ॉल्यूशन इमेजेज साझा की
के शिवान ने कहा कि कार्टोसैट-3 उपग्रह का प्रक्षेपण पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) राकेट के द्वारा किया जाएगा। कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रहों की तुलना कार्टोसैट-3 एक एडवांस्ड उपग्रह है जिसका उपयोग पृथ्वी के मौसम का अध्यन और संचार के लिए किया जायेगा।
बेहद खास है भारत के लिए
जैसा की आप जानते है की सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट स्ट्राइक के दौरान भारत ने कार्टोसैट-1 और कार्टोसैट-2 सेटेलाइट का उपयोग किया था। जिससे भारत को आतंकी ठिकाने और आतंकियों की हर गतिबिधि की इन सेटेलाइट की मदद से मॉनिटर किया जा रहा था। इन सैटेलाइट की बजह से ही भारत ने सटीक सर्जिकल और बालाकोट स्ट्राइक की थी।
कार्टोसैट-3 एक एडवांस्ड सेटेलाइट है या यूं कह सकते है की यह सेटेलाइट कार्टोसैट-1 और कार्टोसैट-2 का अपग्रेडेड वर्जन है। इस सेटेलाइट का उपयोग कर,पृथ्वी पर किसी भी इंसान के घडी का समय भी देखा जा सकता है। ये सेटेलाइट हर मौसम में काम करेगा।
पकिस्तान भारत में अशांति फ़ैलाने के लिए आये दिन घुसपैठ करने की कोसिस करता है इस सेटेलाइट का उपयोग बार्डर पर निगरानी करने के लिए भी किया जायेगा। इसके साथ ही यह सैटेलाइट मौसम में हो रहे परिवर्तन की भी जानकारी देगा जिससे होने वाले नेचुरल डिजास्टर से देश को बचाया जा सके।
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