रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को फ्रांस में सस्त्र पूजा के बाद भारतीय वायु सेना के लिए डसॉल्ट एविएशन से पहला राफेल फाइटर जेट्स प्राप्त किया। आज फ्रांस ने राफेल हैंडओवर समारोह के बाद भारत को पहला राफेल बिमान सौपा। 36 राफेल फाइटर जेट्स में से पहला राफेल बिमान की “डिलीवरी” ली गई। चार राफेल जेट विमानों का पहला बैच मई 2020 तक भारत को सौपा जायेगा।
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हैंडओवर समारोह में, राजनाथ सिंह ने इसे भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक ऐतिहासिक दिन कहा, और इंडो-फ्रेंच द्विपक्षीय संबंधों को बहुत मजबूती मिलेगी। उन्होंने फ्रेंच डसॉल्ट एविएशन को राफेल की समय पर डिलीवरी देने के लिए बधाई दी और कहा की मुझे बहुत खुशी है कि राफेल की डिलीवरी तय समय पर हो गई। ये जेट हमारी सेना की ताकत को बढ़ाएगा।
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has reached Mérignac. He is now visiting the Production Unit of Dassault Aviation. pic.twitter.com/fM61e9MCLN
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 8, 2019
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन के साथ व्यापक वार्ता की। उनहो ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत और फ्रांस के बीच “रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करना” था।
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सिंह ने पहले राफेल निर्माता डसॉल्ट एविएशन के प्लांट का दौरा किया,उसके बाद पारंपरिक भारतीय शास्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) की जो की दशहरा समारोह का हिस्सा है। उसके बाद रिबन काटने की रस्म की गई। ये फाइटर जेट तब भारत आ रहा जब इस साल वायु सेना IAF 87 वीं वर्षगांठ मना रहा है।
भारत ने सितंबर 2016 में 59,000 करोड़ रुपये के सौदे में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू जेट का ऑर्डर दिया था।
सितंबर 2022 तक सभी 36 जेट विमानों के भारत में आने की संभावना है, जिसके लिए भारतीय वायुसेना ने कथित रूप से तैयारी की है, जिसमें आवश्यक बुनियादी ढांचे और पायलटों के प्रशिक्षण को तैयार करना शामिल है।
राफेल एक ट्विन-जेट लड़ाकू विमान है जो एक एयरक्राफ्ट कॅरिअर और एक एयर बेस दोनों से संचालित करने में सक्षम है। निर्माताओं ने इसे पूरी तरह से बहुमुखी विमान के रूप में बताया है जो की हवाई श्रेष्ठता और वायु रक्षा, नजदीकी हवाई समर्थन, गहराई से हमले, जहाज-रोधी हमले और परमाणु हमले करने के लिए है।
इस जेट के भारत आने के बाद भारतीय वायुसेना बहुत ही मजबूत और अजय हो गई।
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