राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System): NPS एक सरकारी पेंशन योजना है जो जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी। यह पेंशन स्कीम 2009 में सभी वर्गों के लिए खोली गयी थी। आपको बता दें कि यह सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति के बाद आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली क्या है? (What is National Pension System?)
भारत सरकार ने देश में पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्टूबर 2003 को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को स्थापित किया। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी। NPS का लक्ष्य पेंशन के सुधारों को स्थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है।
आरंभ में एनपीएस सरकार में भर्ती होने वाले नए व्यक्तियों (सशस्त्र सेना बलों के अलावा) के लिए आरंभ की गई थी। बाद में स्वैच्छिक आधार पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित देश के सभी नागरिकों को प्रदान की गई है।
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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नियम और शर्तें (National Pension System Terms and Conditions)
सरकार के साथ-साथ प्राथमिक क्षेत्र में काम करने वाला कोई भी कर्मचारी अपनी मर्जी से इस योजना में शामिल हो सकता है। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एनपीएस का एक हिस्सा निकाल सकते हैं और बाकी रकम से रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए एनुइटी ले सकते हैं।
कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच है, इसमें शामिल हो सकता है। इस स्कीम में शामिल होने के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) नियमों का पालन करना जरूरी है।
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एनपीएस से मिलने वाले लाभ (Benefits From NPS)
- एनपीएस पारदर्शी और लागत प्रभावी प्रणाली है जिसमें पेंशन के अंशदन का निवेश पेंशन निधि योजनाओं में किया जाता है और कर्मचारी दैनिक आधार पर निवेश का मूल्य जान सकते हैं।
- सभी अभिदाताओं को अपने नोडल कार्यालय में खाता खोलना होता है और एक स्थाय सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) लेना होता है।
- प्रत्येक कर्मचारी को एक विशिष्ट संख्या से पहचाना जाता है और उसकी एक अलग PRAN होती है जो कि पोर्टेबल है, अर्थात् यह कर्मचारी के किसी अन्य कार्यालय में स्थानांतरित होने पर भी समान बनी रहती है।
- एनपीएस का विनियमन पारदर्शी निवेश मानकों के साथ पीएफआरडीए द्वारा तथा एनपीएस न्यास द्वारा निधि प्रबंधक की नियमित निगरानी और निष्पादन समीक्षा के साथ किया जाता है।
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एनपीएस से होने वाला टैक्स लाभ (Tax Benefit From NPS)
वर्तमान में टियर 1 खाते में किए गए अंशदान के लिए कर उपचार में छूट है छूट प्राप्त कर (ईईटी) अथात् संपूर्ण अभिदान राशि पर 1.00 लाख रुपए की सीमा तक सकल कुल आय से कटौती की पात्रता है (अन्य निर्दिष्ट निवेशों के साथ) धारा 80सी के अनुसार (आय कर अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार, जिन्हें समय समय पर संशोधित किया जाता है)।
वार्षिकी खरीदने के लिए अभिदाता द्वारा प्रयुक्त राशि और अभिदान पर मूल्य वृद्धि का योग्य नहीं है। एक अभिदाता यानी की पेंशन खाताधारक द्वारा केवल 60 वर्ष की आयु के बाद निकाली गई रकम ही कर योग्य है।
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एनपीएस खाते के लिए फीस (Fee For NPS Account)
टियर 1 खाते के जुड़े सभी प्रभारों सहित वार्षिक पीआरए (PRA) रखरखाव प्रभार का भुगतान कंपनी द्वारा किया जाता है। टियर 2 के खाते के मामले में सक्रियण प्रभार और लेनदेन प्रभार का भुगतान अभिदाता द्वारा किया जाता है।
एनपीएस खाता कैसे खोलें? (How To Open NPS Account?)
सरकार ने देश भर में पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) बनाए रखा है, जिसमें एनपीएस खाता खोला जा सकता है। देश के लगभग सभी सरकारी और केंद्रीय बैंकों को पीओपी बनाया गया है, आप पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) की बेवसाइट के जरिये https://www.npscra.nsdl.co.in/pop-sp.php भी प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस तक पहुंच सकते हैं। किसी भी बैंक की निकटतम ब्रांच में भी खाता खोला जा सकता है।
एनपीएस खाता खोलने के लिए जरुरी दस्तावेज (Important Document For NPS Account)
एनपीएस खाता खोलने के लिए जरुरी दस्तावेज हैं:
- एड्रेस प्रूफ
- आइडेंटिटी प्रूफ
- बर्थ सर्टिफिकेट या दसवीं कक्षा का सर्टिफिकेट
- सब्सक्राइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्म
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टियर-1 खाता और टियर-2 खाता (Tier-1 And Tier-2 Account)
एनपीएस खाता के अंतर्गत जो भी व्यक्ति इसका लाभ लेना चाहता है उसे एक विशिष्ट स्थायी सेवा निवृत्ति खाता संख्या (PRAN) प्रदान किया जाता है। यह खाता संख्या कस्टमर के जीवन पर्यंत बना रहता है। इस विशिष्ट पीआरएएन को भारत में किसी भी स्थान पर उपयोग किया जा सकता है। इसके अंतर्गत दो खाते हैं। टियर-1 खाता और टियर-2 खाता।
टियर 1 खाता
यह खाता रिटायरमेंट के लिए नॉन-विद्ड्राउल खाता है जो कि बचत के लिए विशेष रुप से है।
टियर 2 खाता
यह एक स्वैच्छिक बचत सुविधा है। यानी की कस्टमर जब चाहें तब इस खाते से पैसे निकाल सकते हैं। इस खाते पर कोई कर लाभ उपलब्ध नहीं हैं।
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एनपीएस के लिए नियामक और संस्थाएं (Regulators and Institutions for NPS)
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) : पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) एक स्वायत्त निकाय है जिसकी स्थापना भारत में पेंशन बाजार के विकास और विनियमन हेतु की गई है।
POP : पीओपी पहला बिंदु है जो कि कस्टमर को एनपीएस के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
केंद्रीय अभिलेखन एजेंसी (CRA) : एनपीएस के सभी अभिदाताओं के अभिलेखों के रखरखाव और ग्राहक सेवा कार्य नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा संभाले जाते हैं, जो एनपीएस के लिए केंद्रीय अभिलेख रखरखाव केंद्र के रूप में कार्य करता है।
वार्षिकी सेवा प्रदाता (ASP) : एनपीएस से निकलने के बाद अभिदाता को नियमित रूप से मासिक पेंशन प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगा।
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NPS में कौन भाग ले सकता है? (Who Can Participate In NPS?)
- केंद्र सरकार के कर्मचारी
- राज्य सरकार के कर्मचारी
- कॉर्पोरेट
- कोई भी व्यक्ति
- अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर वर्कर-स्वावलंबन योजना
नेशनल पेंशन सिस्टम के फीचर्स (National Pension System Features)
यह एक स्वैच्छिक योजना है जो कि निजी / असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 18-65 वर्ष की आयु के बीच भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए है। इसमें लचीलापन, पोर्टेबिलिटी, आजादी, सुरक्षित निवेश और कम लागत पर निवेश करने का मौका मिलता है।
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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के लिए पात्रता (Eligibilty For National Pension System)
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच है, इसमें शामिल हो सकता है। इस स्कीम में शामिल होने के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) नियमों का पालन करना जरूरी है।
एनपीएस योजना का लाभ क्या है? (What Is The Benefit Of NPS Scheme?)
वेतनभोगी और स्व-नियोजित दोनों को एनपीएस में निवेश करने पर आयकर लाभ मिलता है। परिपक्वता पर, एनपीएस को आंशिक रूप से कर छूट भी मिलती है। एनपीएस, जो एक स्वैच्छिक, परिभाषित योगदान सेवानिवृत्ति बचत योजना है, ग्राहक को अपने कामकाजी जीवन के दौरान बचत जमा करने में सक्षम बनाता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली कैसे काम करती है? (How Does National Pension System Work?)
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक स्वैच्छिक, परिभाषित योगदान सेवानिवृत्ति बचत योजना है जो ग्राहकों को उनके कामकाजी जीवन के दौरान व्यवस्थित बचत के माध्यम से उनके भविष्य के बारे में इष्टतम निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। एनपीएस नागरिकों के बीच सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को विकसित करना चाहता है।
एनपीएस से कितनी पेंशन मिलेगी? (How Much Pension I Will Get From NPS)
एनपीएस कैलकुलेटर कैसे काम करता है?
निवेशित वर्षों की संख्या | 24 |
अर्जित ब्याज | 5,773,258.43 रुपए |
एनपीएस में निवेश की गई कुल राशि | 2,880,000 रुपए + 5,773,258.43 रुपए = 8,653,258.43 रुपए |
वार्षिक पेंशन | 415,356.40 रुपए |
मासिक पेंशन | 34,613.03 रुपए |
परिपक्वता पर निकासी योग्य राशि | 3,461,303.37 रुपए |
नेशनल पेंशन सिस्टम में मासिक पेंशन की गणना कैसे की जाती है? (How is the monthly pension calculated in the National Pension System?)
ईपीएस कैलकुलेटर (EPS Calculator)
ईपीएस फॉर्मूला: (पेंशन योग्य वेतन * सेवा अवधि) / 70. यहाँ, पेंशन योग्य वेतन 15,000 रुपये पर और सेवा अवधि 35 वर्षों के लिए रखी गई है। इसलिए, 30 साल की नौकरी के बाद, भले ही रिटायरमेंट के समय मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक हो, अधिकतम मासिक पेंशन आती है: = (15000 * 30) / 70 = 6429 रुपये।
एनपीएस के नुकसान (Loss Of NPS)
एनपीएस अकाउंट खोलने से पहले इसके नफा-नुकसान पर गौर करें। पहले इसका अंदाजा लगाएं कि रिटायरमेंट के बाद हर महीने आपको कितनी रकम की जरूरत पड़ेगी। इसमें महंगाई और औसत उम्र का ख्याल रखें। आप रिटायरमेंट के लिए की जाने वाली बचत को म्यूचुअल फंड और एनपीएस सहित अलग-अलग प्रोडक्ट्स में पाते हैं। इसके लिए सिर्फ एनपीएस में बचत करना ठीक नहीं होगा।
एनुइटी से जहां आपको रिटायरमेंट के बाद बुनियादी खर्च पूरे करने के लिए पैसे मिल जाएंगे, वहीं दूसरी जरुरतों से जमा की गई रकम का इस्तेमाल अन्य जरूरतों के लिए किया जा सकता है।
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