एटीएम ग्राहकों के लिए आरबीआई ने राहत की खबर दी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सर्कुलर जारी कर कहा है कि एटीएम के उपयोग के दौरान फेल ट्रांजेक्शन एक बड़ी समस्या है और बैंक इसे फ्री ट्रांजेक्शन के तौर पर नहीं गिनें।
आपको बता दें कि ग्राहकों की शिकायत रहती है कि बैंक फेल ट्रांजेक्शन को भी फ्री ट्रांजेक्शन गिन लेते हैं, इससे ग्राहकों को हर महीने मिलने वाले 5 फ्री ट्रांजेक्शन में कटौती हो जाती है। बैंक अब तक फेल ट्रांजेक्शन को भी फ्री ट्रांजेक्शन मानकर महीने में मिलने वाले 5 मुफ्त स्थानांतरण में माइनस कर देता था, जिससे ग्राहक का 1 फ्री मौका चला जाता था।
बता दें कि अब आरबीआई ने बैंकों को आदेश दिया है कि एटीएम पर होने वाले फेल ट्रांजेक्शन या बैलेंस जांच या चेकबुक अप्लाई जैसे नॉन-कैश स्थानांतरण को ग्राहकों को हर महीने मिलने वाले 5 ट्रांजेक्शन में गिनती न करे। आपको बता दें कि आरबीआई के नियम के अनुसार एटीएम ग्राहक को हर महीने 5 स्थानांतरण के लिए शुल्क नहीं देना पड़ता है, लेकिन इससे ऊपर यानी छठे ट्रांजेक्शन पर बैंक चार्ज वसूलता है।
साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि नॉन-कैश ट्रांजेक्शन जैसे बैलेंस चेक, फंड ट्रांसफर को भी एटीएम ट्रांजेक्शन नहीं माना जाए, यानी आरबीआई के इस कदम से एटीएम ग्राहकों को बड़ी राहत मिल रही है। बता दें कि अक्सर लोगों की शिकायत होती थी कि ट्रांजेक्शन फेल होने के बावजूद बैंक फ्री ट्रांजेक्शन काउंट कर लेता है, और इसी कारण से एटीएम से पैसे निकालने पर बैंक चार्ज वसूल लेता है।