Cyber Security Grand Challenge: यदि आप में चैलेंज जीतने का हुनर है तो आपके लिए यह एक बहुत अच्छा मौका है। जी हां मोदी सरकार ने इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए और देश की साइबर सिक्योरिटी को मजबूत बनाने के लिए एक प्रतियोगिता शुरु की है जिसका नाम साइबर सेक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज (Cyber Security Grand Challenge) नाम दिया गया है।
आपको बता दें कि इसका ऐलान इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजीज मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया है। यह देश में साइबर सिक्योरिटी क्षमताओं को विकसित कर इनोवेशन और इंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इस प्रतियोगिता में विजेता टीम को 2 करोड़ रुपये की इनामी राशि दी जाएगी।
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साइबर सेक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज की शुरुआत 15 जनवरी 2020 से
इस चैलेंज की शुरुआत 15 जनवरी से हो चुकी है और इसमें 14 फरवरी 2020 तक रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इनकॉरपोरेट/ रजिस्टर्ड स्टार्टअप की डिटेल्स के साथ आइडिया नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 16 मार्च 2020 है।
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साइबर सेक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज में कौन कर सकता है पार्टिसिपेट
साइबर सेक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज में भाग लेने के लिए स्टार्टअप को DPIIT के नियमों का पालन करने वाला होना चाहिए। इन नियमों के मुताबिक किसी एंटिटी को इन शर्तों पर स्टार्टअप माना जाएगा:
1. भारत में शुरू की गई एंटिटी पंजीकरण/इनकॉर्पोरेशन की तारीख से 10 साल तक स्टार्टअप माना जाएगा। इसके लिए या तो वह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी होनी चाहिए या पार्टनरशिप फर्म के रूप में रजिस्टर होना चाहिए या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनशिप होनी चाहिए।
2. एंटिटी का टर्नओवर पंजीकरण/कॉरपोरेशन के बाद से किसी भी वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
3. एंटिटी इनोवेशन, डेवलपमेंट या प्रॉडक्ट्स के इंप्रूवमेंट/निर्देशों की प्रोसेस की दिशा में काम कर रहे हो या फिर यह रोजगार सृजन/संपत्ति बनाने की उच्च क्षमता वाला बिजनेस मॉडल हो।
4. ऐसे एंटिटी जो किसी मौजूदा बिजनेस का रिकंस्ट्रक्शन हो, उसे स्टार्टअप नहीं माना जाएगा।
5. व्यक्तियों का समूह, जो स्टार्टअप नहीं है ओर ग्रैंड चैलेंज में भाग लेना चाहता है उसे 14 फरवरी 2020 तक अपनी एंटिटी को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद पंजीकरण की प्रति ऑर्गेनाइजिंग कमेटी को सौंपनी होगी।
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साइबर सेक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज के विभिन्न चरण
इस प्रतियोगिता में भाग लेने वालों को टीम में आवेदन करना होगा और तीन चुनौती के तीन चरणों आइडिया, मिनिमल वायबल प्रोडक्ट (एमवीपी) और अंतिम प्रोडक्ट बिल्डिंग से गुजरना होगा। आइडिया स्टेज में 12 टीमों में से हर टीम को 5 लाख रुपये, एमवीपी स्टेज में 6 टीमों में से हर टीम को 10 लाख रुपये और फाइनल स्टेज में विनर टीम को 1 करोड़ रुपये, फर्स्ट रनर अप को 60 लाख और सेकंड रनर अप 40 लाख रुपये इनाम के तौर पर दिए जाएंगे। इसके अलावा बाइनरी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की इनटोरशिप और गाइडेंस पाने का भी मौका रहेगा।
साइबर सेक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज की प्रक्रिया
- पंजीकरण व आइडिया सबमिशन
- ज्यूरी इवैलुएशन एंड शॉर्टलिस्टिंग
- मेंटोरशिप वर्कशॉप
- शॉर्टलिस्टेड टीम्स द्वारा एमवीपी डेवलपमेंट
- ज्यूरी इवैलुएशन एंड शॉर्टलिस्टिंग
- फाइनल प्रोडक्ट डेवलपमेंट
- अवॉर्ड सेरेमनी
साइबर सेक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप https://innovate.mygov.in/cyber-security-grand-challenge/ पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
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