गोल्ड एमनेस्टी स्कीम (Gold Amnesty Scheme) के माध्यम से सरकार जल्द ही कालेधन पर नकेल कसने की योजना बना रही है। आपको बता दें कि यह स्कीम इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम के तर्ज पर होगी। इस स्कीम के तहत एक तय मात्रा से अधिक घर में रखे बिना रसीद वाले सोने की जानकारी सरकार को देनी होगी। इसकी कीमत तय करने के बाद इस पर आपको टैक्स देना होगा। माना जा रहा है कि काला धन पर लगाम लगाने के लिए यह नोटबंदी के बाद दूसरा बड़ा कदम होगा।
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सोने की वैल्यू के अनुसार देना होगा टैक्स
Gold Amnesty Scheme 2019
रिर्पोट के अनुसार एक तय मात्रा से अधिक बिना रसीद वाले सोने की जानकारी सरकार को देनी होगी। इसके बाद सरकार इस सोने की वेल्यू तय करेगी। इस वैल्यू के आधार पर आपको टैक्स देना होगा। यानी यह स्कीम इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम के तर्ज पर ही होगी, जहां बिना रसीद वाले सोने पर भी आप टैक्स चोरी नहीं करेंगे। ये स्कीम एक विशेष समय सीमा के लिए ही खोली जाएगी। स्कीम खत्म होने के बाद तय मात्रा से ज्यादा गोल्ड पाए जाने पर भारी जुर्माना देना होगा।
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मंदिर के सोने का भी देशहित में किया जाएगा उपयोग
आपको बता दें कि रिर्पोट के अनुसार मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े गोल्ड को भी प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने के खास ऐलान हो सकते हैं। वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस स्कीम का मसौदा तैयार किया है। वित्त मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेज दिया है। आपको बता दें कि कैबिनेट से इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिल सकती है। महाराष्ट्र और हरियाणा के राज्य चुनाव की वजह से इस प्रस्ताव पर चर्चा आगे के लिए टाली गई थी।
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गोल्ड को एसेट क्लास के तौर पर मिलेगा बढ़ावा
साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि एमनेस्टी स्कीम के साथ-साथ गोल्ड को एसेट क्लास के तौर पर बढ़ावा देने के भी ऐलान हो सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट को मोर्टगेज करने का भी विकल्प भी दिया जा सकता है।