मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार(Government Of India) ने गोल्ड एमनेस्टी योजना (Gold Amnesty Scheme) शुरू करने के कदम को नकार दिया है। मीडिया में खबर थी की भारत सरकार गोल्ड एमनेस्टी योजना सुरु करने जा रही है। जिसे भारत सरकार ने पूरी तरह से खारिच कर दिया है। यह विधि पीली धातु (Gold) के रूप में जमा की गई बेहिसाब संपत्ति का पता लगाने के प्रयासों का हिस्सा है।
गोल्ड एमनेस्टी योजना शुरु करने का कोई प्रस्ताव नहीं है(Government Of India: No Proposal To Start Gold Amnesty Scheme 2019)
मीडिया में यह खबर आ रही थी कि भारत सरकार गोल्ड एमनेस्टी स्कीम(Gold Amnesty Scheme) शुरु करने जा रही है, और उसके तहत बिना रसीद वाले सोने की वैल्यू सरकार चेक करेगी। इस स्कीम के तहत एक तय सीमा से ज्यादा बिना रसीद के घर में रखे सोने की जानकारी सरकार को देनी होगी। इसकी कीमत तय होने के बाद इस पर आपको टैक्स देना होगा। माना जा रहा था, कि भारत सरकार काले धन पर लगाम लगाने के लिए नोटेबंदी के बाद यह बड़ा कदम उठाने वाली थी। रिर्पोट के अनुसार आयकर विभाग(Income Tax Department) के पास कोई गोल्ड एमनेस्टी योजना नहीं थी, जिसे मीडिया में दिखाया जा रहा है।
मीडिया की रिपोर्टो के अनुसार भारत के वित्त मंत्रालय(Finance Ministry Of India) ने गोल्ड एमनेस्टी स्कीम पर मसौदा तैयार कर लिया गया था, और इसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की खबर थी। रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया था की भारत में सोना चाँदी के रूप में बहुत सारा काला धन मौजूद है। माना जा रहा था की लोग काले धन (Black Money) के जरिये गोल्ड खरीद कर वाइट मनी(White Money) में बदल देते थे। इस गोल्ड एमनेस्टी योजना के जरिये सरकार उन पर नकेल डालने वाली थी।
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना(PMGKY 2017)
रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया कि ये गोल्ड एमनेस्टी योजना पहले वाली एमनेस्टी योजना “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना” (पीएमजीकेवाई) की सीमित सफलता को पार पाने के लिए एक कोशिश है, जिसे 2017 में शुरू किए गए आईडीएस-द्वितीय(IDS-II) के रूप में भी जाना जाता है, जो कि पोस्ट-डिमनेटेशन एक्सरसाइज है।
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