- नासा ने चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर का पता लगाया (NASA found the Vikram Lander of Chandrayaan 2)।
- नासा ने जारी के विक्रम लैंडर के क्रैश लैंडिंग की तस्वीरें (NASA released pictures of Vikram Lander’s crash landing)।
- चेन्नई के आईटी प्रोफेसनल ने विक्रम लैंडर के मलबे ढूढने में के नासा की मदद(IT professor from Chennai helps NASA find debris of Vikram Lander)।
इसरो(ISRO) ने 7 सितम्बर 2019 को चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) मिशन के तहत विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के पूरी कोसिस की पर लैंडिंग से महज कुछ मिनट और 2 किलोमीटर की दूरी पर इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था। इसरो ने विक्रम लैंडर के साथ संपर्क बनाने की पूरी कोसिस की पर संपर्क स्थापित नहीं हो पाया। हाल ही में नासा(NASA) का ऑर्बिटर एलआरओ (Lunar Reconnaissance Orbiter (LRO)) विक्रम लैंडर के लैडिंग साइट से गुजरते हुए विक्रम लैंडर के तस्वीरें खींची। नासा ने सोमवार 2 दिसंबर 2019 को तस्वीरें साझा करते हुए जानकारी दी की विक्रम लैंडर ने चन्द्रमा की सतह पर क्रैश लैंडिंग की थी।
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नासा ने एक बयान में कहा कि इसने 26 सितंबर को साइट की मोज़ेक तस्वीरें(mosaic image) जारी की (ये तस्वीरें 17 सितंबर 2019 को LRO द्वारा ली गई थी)। NASA ने लोगो को विक्रम लैंडर की पहले ली गई तस्वीरो और हाल हे में LRO द्वारा ली गई तस्वीरो के तुलना करने के लिए आमंत्रित किया। जिससे पता लगाया जा सके की ये तस्वीरें विक्रम लैंडर की ही है।चेन्नई के एक 33 वर्षीय आईटी प्रोफेसनल शन्नमुगा “शान” सुब्रमण्यन पहले व्यक्ति थे जिन्होंने लैंडर की पहचान करने में नासा की मदद की।
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सुब्रमण्यन ने बताया की नासा LRO द्वारा ली गई तस्वीरो को जारी करने से पहले 100 सुनिश्चित करना चाहता था की LRO द्वारा लिए गई तस्वीरो में दिखने वाले अवशेस विक्रम लैंडर के ही है।
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जैसा की आप जानते है कि यदि भारत चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रव में सॉफ्ट लैडिंग करने में सफल होता तो भारत ऐसा करने वाला विश्व में पहला देश होता। दुर्भाग्य वस् भारत ऐसा करने में सफल नहीं हो पाया पर फिर भारत ने चंद्रयान 2 मिशन के तहत 90% सफलता प्राप्त की। ISRO ने चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर को चन्द्रमा की कच्छा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है, जिसका कार्यकाल 7 वर्षो का होगा।
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