Atmanirbhar Bharat Abhiyan: आत्मनिर्भर भारत अभियान (Atmanirbhar Bharat Abhiyan) के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Covid-19 के संकट से निपटने के लिए मंगलवार 12 मई 2020 को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में भारतीय रिज़र्व बैंक और पीएम गरीब कल्याण की हाल की घोषणाएँ भी शामिल हैं। आपको बता दें कि यह आर्थिक पैकेज देश की जीडीपी का 10 फीसदी है।
पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर लॉकडाउन 4.0 से संबंधित जानकारी आपको 18 मई से पहले दे दी जाएगी।
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आत्मनिर्भर भारत अभियान पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान
आपको बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 20 लाख करोड़ रुपए के स्पेशल आर्थिक पैकेज के बारे में प्रेस कॉफ्रेंस में डिटेल दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज से अगले दो दिनों तक हम आत्मनिर्भर भारत पैकेज के बारे में डिटेल देंगे। इन दो दिनों में 15 कदम उठाए जाएंगे। पहला कदम कारोबारों के लिए है। इसके तहत एमएसएमई, कुटीर, गृह उद्योगों आदि विभागों के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के कोलेट्रल फ्री ऑटोमैटिक लोन का ऐलान किया जा रहा है।
वित्तमंत्री ने कहा कि देश का एसएमएमई लगभग 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। इस ऐलान से 45 लाख यूनिट को फायदा होगा। 31 अक्टूबर 2020 तक कोई गारंटी नहीं देनी होगी। ऋण की समयसीमा 4 वर्ष की होगी। प्रथम वर्ष मूलधन नहीं चुकाना होगा।
तो वहीं बेहतर प्रदर्शन करने वाले छोटे उद्योगों को विस्तार के लिए फंड्स का प्रावधान किया है। इसमें उद्योगों में 50 हजार करोड़ रुपए की इक्विटी डाली जाएगी। जिससे इन उद्योगों को विस्तार में मदद मिलेगी।
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आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर संदेश
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का लक्ष्य आत्मनिर्भर बनना होगा, और इसके लिए प्रमुख चालकों के रूप में अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे की पहचान करना होगा। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाना भारत के लिए 21 वीं सदी बनाने का एकमात्र तरीका था।
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भारत की आत्मनिर्भरता पांच स्तंभों- अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी संचालित प्रणाली, जीवंत जनसांख्यिकी और मांग पर आधारित होगी। जब भारत आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो वह स्व-केंद्रित प्रणाली की वकालत नहीं करता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता में पूरी दुनिया की खुशी, सहयोग और शांति की चिंता है।
राहत पैकेज का दूसरा चरण: 14 मई 2020 को हुई घोषणाएं
गुरुवार 14 मई को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 प्रमुख घोषणाएं की जिसमें 3 प्रवासी मजदूरों के लिए और 2 किसानों से जुड़ी हैं। आपको बता दें कि यह वित्तमंत्री ने कोरोना संकट काल में 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान किया था। जिसमें किसानों, प्रवासी मजदूरों, रेहड़ी वालों, छोटे कारोबारियों और मिडिल क्लास के लिए कई बड़ी राहत भरी घोषणाएं की गई हैं। केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों, रेहड़ी-पटरी वालों, स्वरोजगार करने वालों और छोटे किसानों के लिए 3.16 लाख करोड़ रुपए की घोषणाएं की।
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प्रवासी मजदूरों के लिए रिलीफ फंड
जानकारी हो कि 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए 3500 करोड़ की मदद का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगले 2 महीने तक हर मजदूर को 5 किलो गेहूं या चावल मिलेंगे। बिना राशन कार्ड वालें लोगों को भी राशन मिलेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि अब देश में ठेली पटरी पर दुकान चलाने वाले 10 हजार रूपए का लोन ले सकेंगे, इसका फायदा देश के 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को होगा।
मिडिल इनकम ग्रुप, जिसका सालाना आय 6 लाख से 18 लाख रुपये के बीच है। उनके लिए अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम का फायदा मार्च 2021 तक बढ़ाया गया है। पहले ये योजना मार्च 2020 में खत्म हो रही थी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि नाबार्ड किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त इमरजेंसी फंड का फाइनेंस करेगा। ये राशि किसानों को तुरंत लोन के रूप में दी जाएगी।
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राहत पैकेज का तीसरा चरण: 15 मई 2020 को हुई घोषणाएं
राहत पैकेज के दूसरी चरण में वित्तमंत्री ने किसानों की उपज के बेहतर रखरखाव के लिए सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का ऐलान किया है। वित्तमंत्री के अनुसार ये फंड फॉर्म गेट इंफ्रास्ट्रक्चर यानि उत्पादित फसल के रखरखाव के लिए जरूरी ढांचे को बेहतर बनाने में खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री के मुताबिक 1 लाख करोड़ रुपये की ये फाइनेंसिंग सुविधा फसल से जुड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और फसल को जमा करने के केंद्र से जुडे इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए दी जाएगी। इन केंद्रों में मुख्य एग्री कोऑपरेटिव सोसाइटी, फॉर्मर प्रोडयूसर ऑगेनाइजेशन, कंपनियां और स्टार्टअप शामिल हैं। इस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर में कोल्ड चेन, आधुनिक स्टोरेज फैसिलिटी, फसल को खेतों से केंद्र तक ले जाने के लिए बेहतर ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटी शामिल हैं।
सरकार के अनुसार कोल्ड चेन और कटाई के बाद फसल के रखरखाव के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर न होने से किसानों को कीमत में काफी नुकसान होता है। ऐसे में फार्म गेट और फसल को जमा करने वाले केंद्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर जोर देने की आवश्यकता है। वित्त मंत्री के मुताबिक ये फंड तुरंत प्रभाव से लागू होंगे।
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राहत पैकेज का चौथा चरण: 16 मई 2020 को हुई घोषणाएं
सरकार ने आज 8 सेक्टर में निवेश के साथ निजी भागेदारी बढ़ाने और सभी पक्षों के लिए कारोबार में आसानी के लिए कई सुधार और सुधार प्रक्रियाओं का दावा किया। आज के ऐलान में तेल, खनिज, रक्षा उत्पादन, एविशन सेक्टर, बिजली वितरण, सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर, अंतरिक्ष, और परमाणु ऊर्जा तकनीक के लिए ऐलान किए गए हैं। सरकार द्वारा आज के अधिकांश सुधार ऐलान का मकसद निजी क्षेत्र की इन सेक्टर में भाग सूची को बढ़ाना है जिससे घरेलू कंपनियों को बेहतर मौके और आम लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके।
कोयला के क्षेत्र में
आपको बता दें वित्तमंत्री ने कमर्शियल माइनिंग नीति बनाने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि इससे कॉल सेक्टर में सरकार की मोनोपॉली खत्म होगी और कम कीमत पर ज्यादा जैक मिल सकेगा। इसके लिए 50 नए ब्लॉक तुरंत उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा कोल ट्रांसपोर्ट के लिए अलग से इन्फ्रा तैयार किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। यह 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के तहत दिया गया है।
मिनरल के क्षेत्र में
तो वहीं मिनरल सेक्टर में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। ग्रोथ, रोजगार, स्टेट ऑफ आर्ट तकनीक लाने पर जोर रहेगा। एक्सप्लोरेशन कम माइनिंग प्रोडक्शन के क्षेत्र में नए प्रावधान किए जाएंगे। 500 माइनिंग ब्लॉक इसके लिए ऑफर किया जाएगा। जबकि बॉक्साइड और कोल मिनरल ब्लॉक का ज्वॉइंट ऑक्शन होगा।
डिफेंस के क्षेत्र में
निर्मला सीतारमण ने कहा है कि डिफेंस प्रोडक्शन में आत्मनिर्भरता के लिए मेक इन इंडिया जरूरी है। डिफेंस सेक्टर में हथियारों की लिस्ट तैयार की जाएगी। उनके फैसले पर प्रतिबंध लगेगा। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के लिए एफडीआई सीमा आटोमैटिक रूट से 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर कर दिया जाएगा। इसके अलावा आडिफेंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण किया जाएगा।
सिविल एविएशन के क्षेत्र में
सिविल एविएशन सेक्टर के लिए कुल 3 ऐलान किए गए हैं। इसमें पहले एयरलाइंस की लागत को काम करना है। सरकार ने भारतीय वायु क्षेत्र के उपयोग पर पाबंदियों को आसान करने का ऐलान किया है जिससे नागरिक विमानों को बहुत अधिक अनुकूल बनाया जा सकेगा। सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के जरिए और वर्ल्ड क्लास टर्मिनल का ऐलान किया है।
इसके तहत नीलामी के तीसरे राउंड के लिए 6 और टर्मिनल को रखा जाएगा। तीसरा ऐलान भारत को एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (एमआरओ) के लिए ग्लोबल हब बनाने को लेकर किया गया है। इससे एयरलाइंस के मेंटेनेंस का खर्च कम होगा।
पावर के क्षेत्र में
जानकारी हो कि पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर के लिए टैरिफ पॉलिसी रिफॉर्म को लागू किया जाएगा। इसमें उपभोक्ता के अधिकारों के साथ-साथ उद्योग को बढ़ावा देना और सेक्टर की प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम्स के निजीकरण का ऐलान किया।
सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में
इसके अलावा सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। 30 प्रतिशत केंद्र और 30 प्रतिशत राज्य सरकारें वायबिलिटी गैप फंडिंग में देंगी। लेकिन शेष क्षेत्र में 20-20 प्रतिशत ही रहेगा। इसके लिए लगभग 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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राहत पैकेज का पांचवा चरण: 17 मई 2020 को हुई घोषणाएं
मोदी सरकार की आरे से जारी राहत पैकेज का आज पांचवा चरण यानी आखिरी हिस्से की घोषणा की गई। आपको बता दें कि पांचवे हिस्से में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए नए सुधार कदमों का ऐलान किया गया है। तो वहीं कोरोना की वजह से संकट ग्रस्त कंपनियों को राहत भी दी गई है। पांचवे पैकज की खास घोषणाएं:
ग्रामीण रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पांचवे ऐलान में बताया है कि सरकार MGNREGS के तहत 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन करेगी। इससे 300 करोड़ व्यक्ति दिन के बराबर अतिरिक्त रोजगार मिलेगा। श्रमिकों को रोजगार मिलने से एक तरफ जल संरक्षण जैसे जरूरी ढांचों को बेहतर बनाया जाएगा दूसरी तरफ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा। सरकार ने इसके साथ ही स्वास्थय पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की भी बात कही है। जिससे भविष्य की महामारी के लिए देश को तैयार किया जा सकेगा।
तकनीक आधारित शिक्षा
बता दें कि डिजिटल ऑनलाइन शिक्षा के लिए कार्यक्रम को जल्द लॉन्च करने का ऐलान किया गया है। 1 से 12 कक्षा के लिए हर कक्षा के हिसाब से एक चैनल लॉन्च किया जाएगा। नेशनल फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी मिशन को दिसंबर 2020 तक लॉन्च करने का भी ऐलान किया गया है।
डिफॉल्ट, आपराधिक प्रावधान पर राहत
कोरोना संकंट की वजह से कर्ज चुकाने या फिर नियमों का पालन करने में मुश्किलों का सामना कर रही कंपनियों के लिए वित्तमंत्री ने आज राहत का ऐलान किया है। वित्तमंत्री के मुताबिक इन कदमो से कंपनियों को काम करने में आसानी होगी। ऐलान के मुताबिक दीवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए न्यूनतम सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये की गई है।
महामारी की स्थिति के आधार पर दीवालिया कार्यवाही में नई शुरुआत पर एक साल की राहत दी गई है। वहीं कोविड 19 की वजह से लिए गए कर्ज को डिफॉल्ट की परिभाषा से बाहर करने के लिए उठाया गया है। इसके साथ ही कोरोनासिस की वजह से कारोबार से जुड़े नियमों का पालन करने में मामूली चूक या कमी से जुडे कई मामलों को आपराधिक श्रेणी से बाहर रखने का फैसला भी लिया गया है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
निर्मला सीतारमण के अनुसार भारतीय सार्वजनिक कंपनियों की अनुमति योग्य विदेशी अधिकार क्षेत्र में सिक्योरिटीज की सीधी लिस्टिंग कराती है। अब स्टॉक में NCD को लिस्ट बनाने वाली निजी कंपनियों को लिस्टेड कंपनी नहीं माना जाएगा। यानि कंपनियों को पैसा बढ़ाने के लिए अब पहले से आसान हो जाएगा।
प्राइवेट और सरकारी कंपनियां
वित्तमंत्री के अनुसार जल्द ही एक ऐसी नीति लाई जाएगी जिसके बाद देश के हर सेक्टर में निजी कंपनियां काम करेंगी। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेक्टर में अधिकतम 4 सरकारी कंपनी ही काम करेगी, हालांकि ये सेक्टर निजी कंपनियों के लिए भी खुलेंगे। गैर-जरूरी सेक्टर की सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा।
राज्य सरकारों की सहायता
कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों की बैंकों की सीमा को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। ये बढ़ोत्तरी इसी वित्त वर्ष के लिए है। बता दें कि इस कदम से राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये के संसाधन मिलेंगे।
21 लाख करोड़ रुपए का कुल आत्मनिर्भर भारत पैकेज
वित्तमंत्री के अनुसार कोरोना संकट के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने कुल 20.97 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है। इसमें से पिछले 5 दिनों में ही 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कदमों का ऐलान किया गया है। इसके अलावा गरीब कल्याण योजना के तहत लगभग 1.93 लाख करोड़ रुपये और रिजर्व बैंक के जरिए 8 लाख करोड़ रुपये की राहत जारी की गई है।
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