उद्धव ठाकरे का सपना हुआ चकनाचूर, देवेंद्र फडणवीस फिर से बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री

  • शुक्रवार 22 नवंबर 2019 को शरद पवार ने मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर मुहर लगाई थी। पर आज शनिवार की सुबह सब कुछ बदल गया। NCP के अजित पवार बीजेपी के साथ मिल कर उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) पद की सपथ ली।
  • देवेंद्र फडणवीस ने 150+ विधायकों के समर्थन लेटर के साथ बनाई सर्कार। एक बार फिर से देवेंद्र फडणवीस बने महारष्ट्र के मुख्यमंत्री(Chief Minister)।
  • महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें है। बहुमत के लिए जरूरी 145 शीतो की जरुरत। भाजपा ने 105, एनसीपी ने 54, शिवसेना ने 56 कांग्रेस ने 44 सीटें और अन्य ने 29 सीटें जीती थी।
  • बीजेपी ने सर्कार बनाने के लिए 150+ सीटों का दवा पेस किया। जिसमे बीजेपी के 105, एनसीपी के 22 और 15 +8 कुल मिला कर 23 सीटें अन्य पार्टी के शामिल है।
  • कोंग्रस, एनसीपी और शिवसेना ने कहा की वो ही सरकार बनायेगे।
  • फ्लोर टेस्ट 30 नवंबर 2019 को होगा।

कल शुक्रवार 22 नवंबर 2019 तक यही कहा जा रहा था की शिव सेना के उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनेगे हालाँकि उनका यह सपना आज (शनिवार) सुबह चकनाचूर हो गया जब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की सपथ ली। BJP ने NCP के 22 और अन्य पार्टी के 23 विधायकों होने का दावा पेस किया है। अभी फ्लोर टेस्ट बाकि है। फ्लोर टेस्ट 30 नवंबर को होगा। तभी पता चलेगा की बीजेपी साकार बना पाती है या नहीं। उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने साथ में सर्कार बनाने का पैसला लिया था।

शिवसेना ने बाला शाहब ठाकरे के आइडियोलॉजी के साथ कोम्प्रोमाईज़ किया

जैसा की आप जानते है की शिवसेना ने बीजेपी के साथ अलायन्स कर के चुनाव लड़ा था। चुनाव रिजल्ट आने के बाद शिवसेना को 56 और बीजेपी 105 सीटें मिली। चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद ही शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई – ढाई साल के लिए BJP और शिवसेना से मुख्यमंत्री पद के लिए मांग की पर बीजेपी ने ऐसा करने से मना कर दिया। उसके बाद से ही महाराष्‍ट्र में राजनीति बदल गई। बीजेपी ने शिवसेना को बाला साहब ठाकरे की आइडियोलॉजी की याद दिलाई और कहा की बाला शाहब ठाकरे के अनुसार जिस पार्टी के ज्यादा सीटें होगी वही पार्टी से मुख्यमंत्री होगा। बीजेपी ने ये भी कहा की कांग्रेस और उसके अलायन्स पार्टियों ने हिन्दू टेरर जैसे स्टेटमेन्ट दिए है। उसके बाबजूद शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ कैसे अलायन्स कर सकती है।

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शरद पवार और शिवसेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा

शरद पवार ने कहा की अजीत पवार ने पार्टी के साथ विश्‍वासघात किया है। मुझे आज सुबह पता चला की अजीत पवार कुछ विधायकों के साथ गवर्नर ऑफिस गए हैं। शरद पवार ने अजीत पवार को विधायक दाल के नेता पद से हटा दिया है। शरद पवार ने ये भी कहा की जो विधायक बीजेपी के साथ जायेगे उन्हें एंटी डिफेक्शन एक्ट के तहत उनको विधायकी पद से हटा दिया जायेगा।

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सभी समीकरण को देखते हुए ऐसा कहा जा रहा है की कांग्रेस और शिवसेना के कुछ विधायक बीजेपी के संपर्क में है हालाँकि की कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के हिसाब से वो सर्कार बनायेगे और बीजेपी फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित नहीं कर पायेगी।

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