Sadhguru: CAA और NRC क्या है क्यों हो रहा है इसका विरोध, जाने पूरा सच

सदगुरू से पूछा गया की CAA और NRC को लेकर देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन (CAA Protest and NRC Protest) में उनकी क्या राय है तो उन्होंने इसका बहुत ही सरल तरीके से जबाब दिया। सद्गुरु ने CAA और NRC पर अपनी स्‍पष्‍ट राय रखते हुए कहा की 72 साल पहले भारत की जमीन का बटवारा हुआ, जिसकी वजह से भारतीय जमीन के टुकड़े हुए। जब देश बने एक हिस्सा भारत और बाकी के जो 2 देश बने वो धार्मिक आधार पर बने। सौभाग्य से हमने धर्म निरपेक्ष (Secular Country) होने का फैसला लिया जबकि बाकियो ने इस्लामिक राष्ट्र बनने का फैसला लिया। जब देश का बटवारा हुआ तो सभी हिन्दू लोग देश छोड़ कर नहीं गए कुछ लोग हजारे सालो से देश में रह रहे थे वो वही रुक गए। 72 साल पहले उनको इस बटवारे के दुष्प्रभाव का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था।

प्रतिशत के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं पर लोगो की माने तो लगभग 23% हिन्दू पश्चिमी पाकिस्तान और लगभग 30 पूर्वी पाकिस्तान में रुक गए। जब 1971 का युद्ध हुआ तो पूर्वी पकिस्तान बांग्लादेश बन गया। फिर अल्पसंख्यों पर बहुत अत्याचार हुआ। जिसमे लगभग 18 से 19% लोग भारत आ गए और वो स्थानीय लोगो के साथ मिल कर यही बस गए। कुछ लोग अभी भी रिफ्यूजी कैंप में रह रहे है। उनके लिए कोई उचित व्‍यवस्‍था नहीं है। भारत में अल्पसंख्यकों के लिए कानूनी तौर पर कोई भेदभाव नहीं है हालाँकि की कुछ लोग भारत में बोलते की अल्पसंख्यकों के लिए कानून में पक्षपात है जो की सच नहीं है। जबकि दूसरी तरफ अल्पसख्यको को लिए सामान कानून नहीं है। भारतीय कानून की नजर में भारत के सभी नागरिक एक सामान है उनमे धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं है, तो वहीं पड़ोसी देश में धार्मिक भेदभाव है।

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सद्गुरु एक घटना का जिक्र करते हुए कहते है की वो बाकू सहर गए जहा 164 पाकिस्तानी हिन्दू बाकू आये थे क्योंंकि बाकू में हिन्दुओ का अग्नि मंदिर है जिसमे संस्कृत में शिला लेख मौजूद है भारत के लोग इसे अग्नि कशी कहते हैं। फिर उनमे से एक युवा मेरे पास आया और रोते हुआ बताया की वह ढाई साल से शादीशुदा था। फिर एक दिन दर्जनों लोग आये उसे मारा पीटा और पत्नी को उठा ले गए। उसी दिन उन्होंने ने पत्नी की शादी किसी और से करा दी। वह युवा पुलिस कम्प्लेन नहीं कर सकता क्योंकी पाकिस्तान में हिन्दू शादी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है। हालाँकि सद्गुरु ने कहा की वो 100% स्योर नहीं है। पर यह सच है की वो लोग उस युवा की पत्नी को उठा ले गए और उसकी शादी किसी और से करा दी। इस लिए कुछ लोग जो पाकिस्तान और बंगलादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित है वह कुछ दसको से भारत आते रहे है। सद्गुरु के अनुसार CAA एक छोटा ही पर सही कदम है जो देर से आया है।

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पड़ोसी देश में सैकड़ो मंदिर तोड़े गए बस अब थोड़े ही बचे है। ऐसा वहा के हिन्दुओ के साथ नहीं बल्कि अन्य आपलसखयको के साथ भी हो रहा है। पडोसी देश का मानना है की उनका एक ही धर्म है और वो है इस्लाम इसलिए पड़ोसी देश से अल्पसंख्यक काफी मात्रा में भारत आ रहे है अपने धर्म को बचाने के लिए।

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CAA लाने के जरुरत क्यों हुई

भारत की जनसँख्या पहले से ही ज्यादा है यदि कोई ठोस कानून न बनाया जाता तो ऐसे ही लोग दूसरे देश से आ कर भारत में सरन लेते रहते जिससे न केबल भारत की सुरक्षा के साथ समझौता होता बल्कि बेरोजगारी भी बढ़ती। इसके साथ ही कौन अवैध रूप से भारत में रह रहा है उसका भी पता लगाना मुश्किल था।

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CAA का पूरा नाम और यह क्या है (What is CAA and its full name)

(CAB) नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया गया। जो की भारत के दोनों सदनों से पास होकर राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद कानून बन गया। जिसे नागरिकता संशोधन कानून(citizenship amendment act) कहते है। नागरिकता बिल 1955 के हिसाब से किसी अवैध प्रवासी को भारत की नागरिकता नहीं दी जा सकती। अब इस संशोधन से नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव हो गया है।
2014 से जो भी अल्पसंख्यक भारत में रह रहे है उन्हे इस कानून के जरिये नागरिकता देने का प्रावधान है। जैसा की आप जानते है पड़ोसी देश में हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोग अल्पसंख्यक की श्रेणी में आते है और उन्हें नागरिकता देने का प्रधान है।

हालाँकि पड़ोसी देश के बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोग भी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते। आवेदन करने के बाद उन्हें नागरिकता कानून की प्रोसेस से गुजरान होगा। ये ऐसा प्रोसेस वैसा ही होगा जैसा की आप किसी अन्य देश की नागरिकता के लिए आवेदन करते है। उदाहरण के लिए यदि कोई अमेरिका की नागरिकता लेना चाहता है तो उसे अमेरिका में नागरिकता कानून प्रोसेस से गुजरना पड़ता है।

क्या भारतीय मुसलमानों की नागरिकता छिन जाएगी

भारत में रह रहे मुसलमानो में ये डर और भ्रान्ति फैलाई जा रही है की इस कानून के आने से उनकी नागरिकता छिन जाएगी जो की सारासर गलत है। ये कानून नागरिकता देने का है न की नागरिकता छीनने का। आप को बता दे की NRC के जरिये भारत में रह रहे सभी नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म के हो उनको प्रमाण देना होगा की वो भारतीय नागरिक है।

नागरिकता संशोधन बिल 2019 क्‍या है इसका भारतीय नागरिकों से क्‍या संबंध है?

यह प्रमाण उतने ही साधारण है जितने की आप जब किसी नौकरी के लिए अप्लाई करते हो तो आप को प्रूफ करना होता है की आप किस देश के नागरिक है। ये प्रमाण जन्म प्रमाण परत्र, वोटर आइड, राशन कार्ड, आधार, मार्कशीट, गोवेर्मेंट डाक्यूमेंट्स इत्यादि हो सकते है। इसके आलावा यदि आप के पास कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं है तो आप को तीन गवाह लाने होंगे जो आप के भारतीय नागरिक होने की पुस्टि करेंगे। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते तो फिर आप कैसे भारतीय नागरिक है।

NRC क्या है (What is NRC)

NRC का पूरा नाम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) है जिसे अंग्रेजी में National Register of Citizens कहा जाता है। NRC भारत सरकार द्वारा निर्मित एक पंजी है जिसमें उन भारतीय नागरिकों के नाम हैं जो असम के वास्तविक (वैध ) नागरिक हैं। यह पंजी विशेष रूप से असम के लिए ही निर्मित की गयी थी। किन्तु 20 नवम्बर 2019 को भारत के गृहमन्त्री अमित शाह ने संसद में कहा कि इस पंजी को पूरे भारत में लागू किया जाएगा। कहा था कि इसे भारत की जनगणना 1951 के बाद 1951 में तैयार किया गया था। इसे जनगणना के दौरान वर्णित सभी व्यक्तियों के विवरणों के आधार पर तैयार किया गया था। जो लोग असम में बांग्लादेश बनने के पहले (25 मार्च 1971 के पहले) आए है, केवल उन्हें ही भारत का नागरिक माना जाएगा।

CAA और NRC को लेकर भारत में विरोध प्रदर्शन क्यों हुए? (Why Protest against CAA and NRC in India)

जैसा की आप जानते है की CAA के आने के बाद आसाम में बिरोध प्रदर्सन हुए क्यों के इस कानून में अल्पसंखयको को नागरिकता देने का प्रावधान है। असम के लोग इसलिए प्रदर्सन कर रहे थे क्योंकी यदि नागरिकता प्रदान की जाती है तो असम में आसामी अल्पसंख्यक हो जायेगे। पर देश में बिभिन्न माध्यम जैसे व्हाट्सप्प, सोशल मीडिया प्लेटफार्म इत्यादि के जरिये भारत के मुसलमानो में यह भ्रान्ति फैलाई गई की इस कानून के आने से उनकी नागरिकता छिन जाएगी और उन्हें देश से बाहर कर दिया जायेगा। जिसके वाद देश में हिंसक प्रदर्सन हुए।

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